गाडियों पर 28 प्रतिशत टैक्‍स ज्‍यादा है, इसे कम करें सरकार : transporter-bhupender-singh

भुपेन्‍द्र सिंह जी पंजाब में डेराबस्‍सी के रहने वाले है।  इन्‍होंने एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की आज इनके पास खुद की सात गाडियां है। इन का कहना है कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस में दूसरे बिजनेस से ज्‍यादा मेहनत है। ये काम वही लाेग कर सकते है जिनके दिल मजबूत हो। इस लाइन में खतरा भी सबसे ज्‍यादा है। गाड़ी सड़क पर चलती है तो हर समय डर बना रहता है कि एक्‍सीडेंट न हो जाए। उनका कहना है कि आज ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है। इनका कहना है कि गाडी में जीपीएस के लगे होने गाडी का पता रहता है गाडी कहां पर खडी है और कई बार ड्राइवर को फोन करे तो ड्राइवर फोन न उठा पाऐ तो जीपीएस के जरिए गाडी की लोकेशन का पता चल जाता है गाडी कहां तक पहुंच गई है और गाडी किस स्‍पीड से चल रही है यह सब पता चल जाता है। आज कल ऑनलाइन पेमेंट होने से भी ट्रांसपोर्टस लाइन को फायदा हो रहा है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस लाइन में ई  वे बिल के आने से काफी फायदा हो रहा है। इनका कहना है कि पहले तो ट्रासंपोर्टस बिजनेस बहुत बढिया चल रहा था लेकिन पिछले कुछ महीनो से इस काम में काफी मंदी आ गई है। इनका कहना है कि गाडी में ओवरलोड नही डालना चाहिए क्‍योंकि गाडी में ओवरलोड डालने से गाडी को नुकसान होता है।  इस बिजनेस में इस टाईम सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत इन चीजों को लेकर आ रही है एक तो डीजल के रेट इतने बढ गए है। मार्केट में माल नही मिल रहा है। गाडियों के रेट डाउन हो गए है। फिक्‍स किराया नही मिल रहा है। सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत तो गाडी को माल न मिलने की वजह से हो रहा है।  इनका सुझाव है कि गाडी को माल मिलना चाहिए  और है इस काम में गाडियों पर 28 प्रतिशत टैक्‍स लगा रखा है सरकार ने उसे कम करना चाहिए। भाडे के रेट पर किलोमीटर के हिसाब से फिक्‍स होने चाहिए।

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