Transporter गुरजोत सिंह कहते है कि ब्रोकर खा जाते है ट्रक मालिक की कमाई …..

Transporter गुरजोत सिंह जी की दो पीढियां ट्रांसपोर्ट बिजनेस से जुडी है। इन्‍होंने अपनी मेहनत से इस लाइन में कामयाबी हासिल की है। गुरजोत सिंह ने ट्रक सुविधा के साथ अपने अनुभव सांझा किए।
गुरजोत सिंह पंजाब में खमानो के रहने वाले है। इनके पिता जी भी ट्रांसपोर्टस के बिजनेस से जुडे है। इनका कहना है कि इन्‍होंने एक ट्रक के साथ ट्रांसपोर्ट्र  के बिजनेस की शुरूआत की थी। अब इनके पास  खुद की 18 गाडियां है। इस बिजनेस में कामयाबी प्राप्‍त करने के लिए काफी मेहनत की।
इनका मानना है कि पहले काम बढिया था लेकिन अब काम कुछ मंदा पड गया है।  इनका कहना  है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन सिस्‍टम होने से काम तो मिल जाता है लेकिन भाडा  का  रेट सही नही मिलता है। इनका कहना  है कि ई वे बिल के आने से गाडी को नुकसान भी हुआ है और  फायदा भी हुआ है।
फायदा यह हुआ है कि अब बार्डर पर समय बच जाता है ई वे  बिल के होने से और  नुकसान इस तरह से है जैसे गाडी के खराब होने पर दूसरी गाडी में माल लेकर जाने के लिए ई वे बिल की कार्यवाही दुबारा से करनी पडती है। जबकि पहले जब रास्‍ते में गाडी खराब होती थी तो दूसरी गाडी के जरिए माल कंपनी को पहुंचाा दिया जाता था,  जिससे समय बच जाता था। अब ई वे बिल की सारी कार्यवाही दुबारा से करनी पडती है।
इनका मानना है कि गाडियों मे ओवरलोड नही होना चाहिए। गाडी को ओवरलोड करने से गाडी को ही नुकसान होता है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस में अब कई तरह की दिक्‍कतो का सामना करना पड रहा है।  एक तो डीजल के रेट काफी बढ गए  है। लेकिन भाडे के रेट नही बऐ है। इसके अलावा इंश्‍योरेंस के रेट भी बहुत बढ गए है। पुरानी गाडी का इंश्‍योरेंस भी काफी  मंहगा हो गया है।
गुरजोत सिंह कहते है कि इस लाइन ब्रोकर बहुत है जो ट्रक मालिक की कमाई का पैसा खा जाते है।  पुराने ट्रांसपोर्टस  नई पीढी को काम नही दे रहे है वो तो ट्रांसपोर्टस के काम में पुराने लोगो को ही लेना सही मानते है। इनका सुझाव है कि ओवरलोडिंग बंद होनी चाहिए। व्‍यपारियों को भी पनेल्‍टी लगनी चाहिए अगर व्‍यापारी ओवरलोड करवाते है। यदि व्‍यापारी ओवरलोड करवाते है तो सरकार को उनका माल उतरवा के रख लेना चाहिए।

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