transporter विकास गोयल मानते है कि ई वे बिल से बच रहा है समय

* कमीशन बेस पर काम कर पाई सफलता

पंजाब के विकास गोयल कई सालों से ट्रांसपोर्ट लाइन में है। इनका खुद का एक भी ट्रक नहीं है, लेकिन ट्रांसपोर्ट लाइन में इन्‍होेंने अच्‍छा मुकाम हासिल कर लिया है। ट्रांसपोर्ट लाइन के बारे में इन्‍होंने अपने विचार ट्रक सुविधा के साथ शेयर किए। विकास गोयल ने बताया कि वे ट्रांसपोर्टस बिजनेस में कमीशन के बेस पर काम करते है। पहले इन्‍होंने ट्रांसपोर्टस से जुडी कंपनियों में काम किया। फिर कमीशन बेस पर  खुद का ट्रांसपोर्टस  का काम शुरू किया। इनके पास खुद की एक भी गाडी नही है। जब से काम की शुरूआत की है तब से लेकर अब तक यह देखने को मिला है कि डीजल  के रेट काफी बढ गए है और पार्टी वाले भाडा भी नही देते। इनका मानना है कि ऑनलाइन बिजनेस से ट्रांसपोर्ट बिजनेस को  फायदा हो रहा है। ई वे बिल सिस्‍टम को भी वे ट्रांसपोर्ट लाइन के लिए काफी फायदेमंद मानते है। इसका सबसे बडा फायदा यह है कि अब गाडी को बार्डर पर  तीन  से चार  दिन तक रूकना नही पडता है। गाडी आराम से बार्डर पार हो जाती है। इसे समय की काफी बचत हो जाती है। गाडी जल्‍दी आने से दूसरे माल की लोडिंग हो जाती है, जिससे ट्रांसपोर्टर को फायदा होता है। ई वे बिल से माल जल्‍दी पहुचने से माल भेजने वाले को भी फायदा है। इनका कहना है कि ओवरलोड गाडियों में नही होना चाहिए। ओवरलोड गाडी को चलाने से गाडी को नुकसान होता है। ओवरलोड गाडी चलाने से ट्रांसपोर्ट के कमीशन में भी नुकसान होता है। इनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि इस  बिजनेस  में भाडे का रेट पूरा नही मिलता  है। गाडी वालो को कुछ नही बचता है। विकास गोयल का मानना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में खर्चे काफी बढ गए है। इस बिजनेस से सरकार को बहुत बडा रिवेन्‍यु मिलता है इसलिए सरकार को टैक्‍स में रियायत देनी चाहिए।

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