ओवरलोड से व्‍यापारियों को ही फायदा : transporter-bahadur-singh

बहादुर सिंह जी की तीन पीढियां ट्रांसपोर्टस लाइन में काम कर रही है। वे भटिंडा के रहने वाले है। बहादुर सिंह जी कहते है कि  एक ट्रक से काम की शुरूआत की थी अब 15 ट्रक अपने है । वे मोबाइल  का प्रयोग करते है। इनका कहना है कि अब ट्रांसपोर्ट लाइन का काम आनलाइन हो गया है। हर काम आनलाइन हो जाता है। गाड़ी के लिए माल चाहिए तो आनलाइन मिल जाता है। पेमेंट भी आनलाइन हो जाती है। गाड़ी के कागज भी आनलाइन बनने लगे है। उनका कहना है कि पहले खर्चा कम और प्रॉफिट ज्‍यादा था । अब  प्रॉफिट कम है। इनका कहना है कि डीजल के रेट बढते है तो भाडा तो बढना ही चाहिए। क्‍योंकि डीजल की 80 प्रतिशत खपत ट्रांसपोर्टस के काम से ही होती है , अगर डीजल के रेट  बढ जाते है तो भाडे भी तो बढने ही चाहिए। ट्रांसपोर्टस का काम डीजल पर आधारित है तो डीजल के रेट बढने पर भाडा भी बढना ही चाहिए। इनका कहना है कि ओवरलोड गाडी चलाने से गाडियों का हक मरता है। इससे तो व्‍यापारी लोगो को ही फायदा होता है , ट्रासंपोर्टस का इसमें क्‍या फायदा है। व्‍यपारी लोग ही गाडियों में ओवरलोड करवाते है जिसका खमियाजा ट्रांसपोर्टस को झेलना पडता है। इनका सुझाव है कि टन के हिसाब से ही गाडियों में माल लोड होना चाहिए। अंडरलोड गाडी में ही पूरा भाडा मिलना चाहिए ताकि गाडी को ओवर लोड करना ना पडे। इनका कहना है कि सरकार को ट्रांसपोर्टस के लिए रोड पॉलिसी बनानी चाहिए। रोड पर ड्राइवरों को परेशान किया जाता है तो रोड पॉलिस बननी चाहिए जिससे ड्राइवरों को तंग नही किया जाए।

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