ट्रांसपोर्टर विकास मानते है कि इस लाइन में कम्‍पटीशन काफी बढ गया है

जानिए, ट्रांसपोर्ट लाइन की दिक्‍कतों के बारे में क्‍या कहते है ट्रांसपोर्टर विकास ….

ट्रांसपोर्टर विकास पिछले 20 सालों से इस लाइन में है। इन सालों में उन्‍होंने ट्रांसपोर्ट लाइन की दिक्‍कतोें  को समझा और इन दिक्‍कतों से जूझते हुए मेहनत से अपना मुकाम हासिल करने में लगे रहे। ट्रांसपोर्ट लाइन की ढेरों मुश्किलों के बावजूद विकास धीरे धीरे सफलता की ओर कदम बढाते रहे। अपनी कडी मेहनत के बलबूते उन्‍होंने पांच सालों मे अपने पांच टक बना लिए। इस डिजिटल  युग में ट्रांसपोर्ट बिजनेस भी आनलाइन की ओर लगातार कदम बढा रहा है। विकास इसे सही भी मानते है।जीएसअी लागू होने के बाद ट्रांसपोर्ट लाइन में आए बदलाव के बारे में विकास का कहना है कि इससे समय जरूर बच रहा है, लेकिन ट्रांसपोर्ट लाइन की दिक्‍कते कम नहीं हुई है।उनका कहना है कि पिछले पांच सालों में मालभाडा या तो बिल्‍कुल नहीं बढा, या फिर मामूली तौर पर बढा है। जबकि खर्चे लगातार बढ रहे हैं। टैक्‍स कई गुना बढ चुके है। मा लेकर जाते समय रास्‍ते में जगह जगह टोल टैक्‍स बन गए है। इससे इंकम कम होती जा रही है।आए दिन डीजल के रेट बढ जाते है। विकास का कहना है कि जब डीजल के रेट  बार बार बढते है तो मालभाडा भी बढना चाहिए। ट्रकों में ओवरलोड के सवाल पर विकास का कहना है कि ओवरलोड बिल्‍कुल नहीं होना चाहिए। इससे ट्रकों  की लाइफ कम होती है और टायर भी जल्‍दी घिसते है। इसका नुकसान ट्रक मालिक को ही होता है। विकास का मानना है कि इस लाइन में कम्‍पटीशन काफी बढ गया है। माल मिलना भी मुश्किल हो गया है। कई बार तो माल के इंतजार में कई कई दिनों तक गाडी खडी रहती है। विकास कहते है कि इस लाइन को सभी सरकारों ने सिर्फ कमाई का जरिया माना हुआ है। किसी ने भी इसकी दिक्‍कतोंं को दूर करने का प्रयास नहीं किया। विकास नए ट्रांसपोर्टर को सह सुझाव देते है कि इस लाइन में आने से पहले इसकी सारी दिक्‍कतों को अच्‍छी तरह समझ लें, और कडी मेहनत के लिए तैयार रहे। तभी इस लाइन में सफलता मिल सकती है।

 

 

 

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