डीजल के रेट  बढते है  तो भाडा  तो बढना ही चाहिए : transporter-kashmeer-singh

कश्‍मीर सिंह जी पंजाब में अमृतसर के रहने वाले है। वे करीब आठ साल से ट्रांसपोर्टस लाइन में काम कर रहे  है।  इनका कहना है कि जब ट्रांसपोर्टस में काम की शुरूआत की थी तब  इनके पास खुद का एक ही ट्रक था । अपनी मेहनत और लगन के बल पर इन्‍होंने चार ट्रक तैयार किए। आज के डिजिटल के युग में मोबाइल व  कंप्‍यूटर और इंटरनेट का इस्‍तेमाल करते है। इनका कहना है कि आनलाइन सिस्‍टम से काम आसान हो गया है। अब माल और भाड़ा दोनों आनलाइन मिल जाते है। गाडि़यों में आनलाइन तेल डल जाता है। गाडि़योंं में जीपीएस लगा होने से गाड़ी की लोकेशन पता चल जाती है। इससे ड्रांइवर भी झूठ नहीं बोल पाते है। इनका कहना है कि जीएसटी लगने के बाद ट्रांसपोर्ट लाइन में बहुत  चेंज आया है। ट्रांसपोर्टस लाइन में  जीएसटी लगने के बाद ट्रांसपोर्टस का काम मंदा पड  गया  है। इनका  कहना है कि जब  हमने ट्रांसपोर्टस  के काम की शुरूआत की थी तब काम बढिया था। अब काम कम हो गया है।  कश्‍मीर सिंह जी का मानना है कि डीजल के रेट  बढते है  तो भाडा  तो बढना ही चाहिए। इनके हिसाब से अंडरलोड सही है। क्‍योंकि इससे गाड़ी की लाइफ बढती है और एक्‍सीडेंट का खतरा भी कम रहता है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में सबसे बडी दिककते इन चीजों को लेकर आ रही है । एक तो  भाडे के रेट  नही बढते ऊपर  से टोल टैक्‍स काफी बढ गए है  और रोड  पर पुलिस  व आरटीओ वाले बहुत ही ज्‍यादा  परेशान करते है । ब का सुझाव है कि किलोमीटर  के हिसाब से भाडे के  रेट तय होने चाहिए ताकि ट्रांसपोर्टस को अपने बिजनेस में  कुछ हद तक फायदा हो। सरकार को टैक्‍स में भी रियायत देनी चाहिए। टोल टैक्‍स और रोड टैक्‍स में से एक ही होना चाहिए।

 

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