ट्रांसपोर्ट लाइन में खर्चें बढ गए हैं : वाजधान

ट्रांसपोर्टर वाजधान का मानना है कि जीएसटी के बाद काम आसान हुआ है। आइए जानते है उनके विचार ….

आप कितने साल से टांसपोर्ट लाइन में है ?

पिछले चार साल से इस लाइन में हूं।

पहले कितने ट्क थे और आज कितने हैं ?

मेरे पास अपना एक ट्रक है।

आप मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्‍तेमाल करते है ?

मोबाइल इस्‍तेमाल करता हं।

क्या आप ऑनलाइन ऐसी सुविधा का उपयोग करना चाहेंगे जिसमे आप अपने खाली ट्रक के लिए माल ढूंढ पाए?

अगर माल मिलता है तो जरूर करूंगा।

जीएसटी लगने के बाद ट्रासंपोर्ट लाइन में क्‍या चेंज आया है ?

जीएसटी लगने के बाद काम आसान हो गया है। अब पेपर चेक करवाने के लिए जगह जगह नहीं रूकना पडता।

इस लाइन में पिछले पांच सालों में कितना चेंज आया है ?

पहले के मुकाबले खर्चे काफी बढ गए है।

डीजल के रेट बढने पर क्‍या भाडा भी बढना चाहिए ?

डीजल के रेट बढते है तो भाडा तो बढना ही चाहिए।

ओवरलोडिड पर रोक को क्या आप सही मानते है ?

अंडर लोड ही सही है। लेकिन भाडा निकालने के लिए कभी कभी गाडी को ओवर लोड करना पडता है।

ट्रांसपोर्ट बिजनेस में क्‍या दिक्‍कते आ रही हैं ?

इस बिजनेस में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत यह है कि ट्रेंड ड्राइवर नही मिल पाते है।

सरकार से आप क्या चाहते हैं ?

सरकार टैक्‍स कम करें।

 

 

 

 

 

 

 

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